शुरुआत में यूं तो अभिनव अरोड़ा ने सोशल मीडिया पर धार्मिक और आध्यात्मिक संदेशों को साझा करने का एक सफर शुरू किया था, मगर अब वह खुद विवादों के घेरे में आ गए हैं। हाल ही में अभिनव ने कुछ यूट्यूबर्स के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्हें मानसिक उत्पीड़न, धमकियों, और धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है। इस मामले में मथुरा के एसपी को दिए गए बयान में अभिनव की मां ज्योति अरोड़ा ने आरोप लगाया कि यह लोग, एक आपराधिक साजिश के तहत, उनके बेटे की छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या है आरोपों की असल कहानी?
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अभिनव अरोड़ा का कहना है कि कुछ यूट्यूबर्स और अज्ञात व्यक्तियों ने उन्हें बदनाम करने का एक पूरा षड्यंत्र रचा है। उनका आरोप है कि ये लोग, उनके धार्मिक विचारों और भावनाओं को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं और उन्हें इंटरनेट पर सार्वजनिक रूप से अपमानित करने की कोशिश में लगे हैं। शिकायत में यह भी बताया गया कि इन लोगों ने अभिनव को मानसिक रूप से परेशान करने और धमकाने का प्रयास किया है, जिससे वह और उनका परिवार लगातार तनाव में है।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम जिम्मेदारी
इस मामले ने एक बार फिर उस सवाल को उठाया है कि सोशल मीडिया पर फ्रीडम ऑफ स्पीच का किस हद तक इस्तेमाल किया जाना चाहिए। जहां एक तरफ लोग अपनी बात खुलकर कहने के लिए स्वतंत्र हैं, वहीं दूसरी तरफ, दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना भी जरूरी है। अभिनव अरोड़ा के मामले में सवाल यह भी उठता है कि किसी की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने की क्या जरूरत है?
पुलिस की भूमिका और जांच की दिशा
मथुरा के एसपी ने शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, अभिनव की मां द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में सात यूट्यूबर्स के नाम शामिल हैं, लेकिन यह संख्या बढ़ भी सकती है क्योंकि इसमें कुछ अज्ञात लोगों का भी जिक्र है। पुलिस की प्राथमिकता इस मामले को निष्पक्ष तरीके से जांचने की है, ताकि अगर वाकई में अभिनव को मानसिक उत्पीड़न का शिकार बनाया गया हो, तो दोषियों को सजा मिल सके।
यूट्यूबर्स का क्या है पक्ष?
इस मामले में फिलहाल यूट्यूबर्स की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है। मगर यह देखना होगा कि इन लोगों का पक्ष क्या है और क्या सच में इन आरोपों में दम है। सोशल मीडिया पर कोई भी चीज वायरल होने में देर नहीं लगती, और यह विवाद भी इसी बात का एक हिस्सा है। कई बार, सिर्फ व्यूज़ और सब्सक्राइबर्स पाने के लिए लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं, मगर इसका असर उन लोगों पर भी पड़ता है जो इससे जुड़े होते हैं।
सोशल मीडिया और समाज में धार्मिक भावनाओं का स्थान
धार्मिक भावनाओं के नाम पर सोशल मीडिया का दुरुपयोग और उत्पीड़न के ऐसे मामले अब आम हो चले हैं। ऐसे विवादों से पता चलता है कि हमें एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए ताकि हम दूसरों के धर्म और भावनाओं का सम्मान कर सकें और उनके विचारों को समझने की कोशिश करें।
जय हिंद 🇮🇳
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