हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री Pedro Sanchez ने गुजरात के वडोदरा में स्थित लक्ष्मी विलास पैलेस का दौरा किया, जो अपनी भव्यता और अद्वितीय आर्किटेक्चर के लिए मशहूर है। इस दौरे के दौरान दोनों नेताओं ने यहां लंच भी किया और इस विशाल महल की सुंदरता को करीब से देखा।
लक्ष्मी विलास पैलेस का निर्माण 1890 में बड़ौदा राज्य के राजा महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय द्वारा करवाया गया था। यह महल अपनी भव्यता और विशालता के कारण दुनिया के सबसे बड़े निजी निवासों में गिना जाता है। यह लंदन के बकिंघम पैलेस से भी चार गुना बड़ा है, जो इसे और भी विशेष बनाता है।
एक असाधारण वास्तुकला
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लक्ष्मी विलास पैलेस की वास्तुकला और आंतरिक सज्जा को देखना किसी सपने से कम नहीं है। महल की ऊंची छतों, नक्काशीदार दरवाजों और दीवारों पर भारतीय और यूरोपीय कला का अद्वितीय संगम देखने को मिलता है। यहां की भव्यता और कारीगरी भारतीय राजसी जीवनशैली का अद्भुत उदाहरण है।
करोड़ों का खर्च और बेशकीमती सजावट
इस महल के निर्माण में उस समय लगभग 6 मिलियन रुपये का खर्च आया था, जो उस समय के हिसाब से एक बहुत बड़ी राशि थी। अंदरूनी सजावट में कई दुर्लभ और कीमती वस्तुओं का इस्तेमाल किया गया है। हर कोने में ऐतिहासिक महत्त्व की वस्तुएं और अद्वितीय चित्रकारी मौजूद है, जो इसे और भी खास बनाती है।
खेल और मनोरंजन का गढ़
इस महल के विशाल मैदान में एक गोल्फ कोर्स और क्रिकेट मैदान भी है। यहां मोती बाग क्रिकेट मैदान भी स्थित है, जो बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन का मुख्यालय है। इसके अलावा, यहां टेनिस और बैडमिंटन कोर्ट भी हैं, जिनकी फर्श भी खास डिजाइन से बनाई गई है।
गायकवाड़ परिवार का शाही निवास
यह महल आज भी गायकवाड़ परिवार का निवास स्थान है और उन्होंने इसे पूरी तरह से संजो कर रखा है। यह महल केवल एक घर ही नहीं, बल्कि भारतीय राजसी संस्कृति और विरासत का प्रतीक है। सालों से इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है, जहाँ पर्यटक आकर भारत के शाही इतिहास और भव्यता का अनुभव करते हैं।
लक्ष्मी विलास पैलेस किसी चमत्कार से कम नहीं है, जो इतिहास के पन्नों में एक राजसी युग की झलक दिखाता है।
जय हिंद 🇮🇳
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