News24x7: अयोध्या का भव्य दीपोत्सव – 500 साल बाद रामलला की उपस्थिति में दिवाली!


अयोध्या, प्रभु श्रीराम की नगरी, इस बार दीपों की जगमगाहट में अनोखी दिवाली मना रही है। दिवाली का पर्व हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस बार का नज़ारा कुछ अलग है। यह पहली बार है कि जब भगवान राम अयोध्या में अपने स्थायी मंदिर में विराजमान हैं और उनके स्वागत में पूरा शहर 25 लाख दीयों से रोशन होने जा रहा है। यह आयोजन ना केवल स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि पूरे देश के भक्तों के लिए एक असाधारण अनुभव बनने जा रहा है।

25 लाख दीपों से रोशन होगी राम की पैड़ी

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राम की पैड़ी को सजाने और संवारने का काम कई दिनों से चल रहा है, लेकिन आज यह स्थल 25 लाख दीयों से प्रकाशित होगा। इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए हजारों लोग अयोध्या की ओर खिंचे चले आ रहे हैं। 25 लाख दीयों का यह अद्वितीय दीपोत्सव अयोध्या की आस्था और भक्ति को दुनिया के सामने एक नई ऊंचाई पर प्रस्तुत करेगा।

500 साल बाद रामलला के साक्षात दर्शन

रामलला का अयोध्या में विराजना किसी चमत्कार से कम नहीं है। करीब 500 वर्षों के बाद भगवान राम अपने मंदिर में सजीव प्रतीक के रूप में भक्तों के बीच हैं। यह क्षण रामभक्तों के लिए असीम आनंद और भक्ति से भरपूर है। इस विशेष अवसर पर भक्त रामलला के दर्शन करके अपने आप को धन्य महसूस कर रहे हैं। रामलला की उपस्थिति में दिवाली का उत्सव अयोध्यावासियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव है।

सरयू नदी की महाआरती

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सिर्फ दीयों से ही नहीं, बल्कि इस आयोजन की भव्यता में सरयू नदी का भी विशेष योगदान है। सरयू की महाआरती में लगभग 1100 संत और धर्माचार्य शामिल होंगे, जो अपनी आस्था और श्रद्धा से वातावरण को और भी पवित्र बना देंगे। इस आरती में विशेष मंत्रोच्चार, दीपमालिका, और विशेष पूजा के माध्यम से सरयू को नमन किया जाएगा। माना जाता है कि सरयू की महाआरती से पूरे क्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो भक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभूति का कारण बनता है।

भगवान राम का स्वागत: एक ऐतिहासिक क्षण

भगवान राम के स्वागत में अयोध्या के हर घर, हर गली को फूलों से सजाया गया है। इस आयोजन के दौरान भगवान राम के स्वागत में विशाल शोभायात्रा भी निकाली जाएगी, जो राम की पैड़ी तक पहुंचेगी। यह यात्रा भगवान राम के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को प्रदर्शित करेगी और लोगों के मन में राम के प्रति भक्ति भाव को और भी अधिक गहरा करेगी।

सुरक्षा और आयोजन की तैयारी

इस विशाल आयोजन को सफल बनाने के लिए स्थानीय प्रशासन ने भी बड़े पैमाने पर तैयारी की है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं ताकि भक्तजन पूरे मन से दीपोत्सव का आनंद ले सकें। प्रशासन के अधिकारियों और स्वयंसेवकों की टीम दिन-रात मेहनत कर रही है, ताकि इस आयोजन में कोई खलल न आए। यह एक ऐसा अवसर है जहां श्रद्धा, भक्ति और व्यवस्था का तालमेल देखने को मिलेगा।

दीपोत्सव के साथ जुड़ी आस्था और भावनाएँ

अयोध्या का दीपोत्सव सिर्फ एक उत्सव नहीं है, यह आस्था और भक्ति का महापर्व है। यह एक ऐसा अवसर है, जो हमें अपने सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों से जुड़ने का मौका देता है। रामलला के मंदिर में विराजने के बाद पहली बार दिवाली के इस आयोजन ने अयोध्या को पुनः एक धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में प्रतिष्ठित किया है।

इस दिवाली, अयोध्या के आकाश में दीयों की रोशनी होगी और भक्तों के दिलों में राम की भक्ति। अयोध्या का यह दीपोत्सव आने वाले वर्षों में भी याद रखा जाएगा और इसकी जगमगाहट हर भक्त के दिल में हमेशा के लिए अमर हो जाएगी।

जय हिंद 🇮🇳

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