अमेरिका में चुनावी हलचल के बीच, रूस ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रति अपने विचार पर खुलकर बात की है। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय, क्रेमलिन ने एक सख्त बयान जारी करते हुए कहा है कि वह अभी ट्रम्प को बधाई नहीं देंगे। रूस का यह रुख अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक नई दिलचस्पी को जन्म दे रहा है और यह संकेत देता है कि रूस इस बार अमेरिकी राजनीति में सावधानीपूर्वक नजर रखेगा।
“अभी नीतियों को समझने का वक्त है”
News24x7
क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा, “हम किसी भी पूर्व राष्ट्रपति या संभावित उम्मीदवार को तभी बधाई देंगे जब उनकी नीतियों का पूरा आकलन कर लेंगे।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रूस किसी भी देश की राजनीति पर अपने निर्णय को तथ्यों और नीतिगत ढांचे के आधार पर बनाना चाहता है। इस वक्तव्य के पीछे रूस की यह सोच हो सकती है कि वह अपनी विदेश नीति में एक स्पष्टता और सावधानी बरतना चाहता है।
क्यों बदल रहा है रूस का नजरिया?
इस पर विचार करना जरूरी है कि रूस का ट्रम्प के प्रति यह दृष्टिकोण क्यों बदला हुआ है। पिछली बार जब ट्रम्प सत्ता में थे, तो रूस और अमेरिका के संबंधों में भी खटास कम देखने को मिली थी। ट्रम्प ने रूस के साथ अच्छे संबंधों की वकालत की थी और दोनों देशों के बीच एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने की बात कही थी।
हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका और रूस के बीच संबंधों में तनाव बना रहा है। यह तनाव खासकर अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों, नाटो विस्तार, और यूक्रेन संकट के कारण और अधिक बढ़ गया है। अब जब ट्रम्प फिर से सक्रिय हो रहे हैं, रूस इस बार देखना चाहता है कि उनकी नीतियां क्या होंगी और क्या वह रूस के लिए अनुकूल होंगी या नहीं।
चुनावी माहौल पर रूस का प्रभाव
News24x7
अमेरिका में आगामी चुनावों को लेकर रूस की यह टिप्पणी महत्वपूर्ण है। अमेरिकी राजनीति में रूस को लेकर अकसर तीखी बयानबाजी देखी गई है। अमेरिका में रूस के हस्तक्षेप के आरोप भी समय-समय पर लगते रहे हैं। इस बार रूस ने खुले तौर पर ट्रम्प के प्रति सतर्कता जताई है, जो शायद यह संदेश देना चाहता है कि वह किसी भी तरह की उम्मीद के बिना निष्पक्ष रूप से स्थिति का आकलन कर रहा है।
क्या होगा अगर ट्रम्प जीतते हैं?
अगर ट्रम्प अगले चुनाव में जीतते हैं, तो उनके और रूस के संबंध किस दिशा में जाएंगे, यह एक बड़ा सवाल है। पिछली ट्रम्प प्रशासन ने कई बार रूस के साथ सहयोग बढ़ाने की कोशिश की थी, लेकिन अमेरिका के आंतरिक मामलों और विपक्ष के दबाव के कारण कई बार उनकी कोशिशें अधूरी रह गईं। इस बार, रूस शायद उस स्थिति को फिर से परखना चाहता है और देखना चाहता है कि क्या ट्रम्प इस बार अमेरिका-रूस संबंधों में ठोस बदलाव ला सकते हैं।
निष्कर्ष
रूस का यह बयान एक स्पष्ट संकेत है कि वह ट्रम्प के प्रति निष्पक्ष रहते हुए उनकी नीतियों का आकलन करना चाहता है। रूस और अमेरिका के बीच कूटनीति में हमेशा जटिलता रही है, और यह बयान इस दिशा में एक नई कड़ी जोड़ सकता है।
आने वाले महीनों में अगर ट्रम्प की नीतियों में रूस को लेकर कोई स्पष्ट संकेत मिलता है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या रूस इस बार खुले तौर पर ट्रम्प को समर्थन देगा या फिर उसे अपनी निष्पक्षता बनाए रखनी होगी। यह ब्लॉग पोस्ट एक नजरिया पेश करती है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सत्ता का संतुलन और राजनीतिक गणनाएँ बदल रही हैं।
जय हिंद 🇮🇳
News24x7
Leave a Reply