नई दिल्ली, [8/oct/2024] — मौलाना तौकीर रजा, जो अक्सर अपने बयानों के लिए सुर्खियों में रहते हैं, ने हाल ही में एक विवादित बयान देकर फिर से हलचल मचा दी है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की कोशिशों पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा, “हम किसी भी कीमत पर हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं होने देंगे।”
धार्मिक विभाजन की बात
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मौलाना ने हिंदुओं को “आतंकवादी” कहकर विवाद को और बढ़ा दिया। उनके इस बयान ने विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच तनाव को बढ़ाने का खतरा पैदा किया है। मौलाना का कहना था कि कुछ लोग धर्म के नाम पर हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे समाज में असमानता और नफरत फैलती है।
इसके अलावा, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “सनातन धर्म का प्रधानमंत्री” बताते हुए आरोप लगाया कि वह केवल एक विशेष धर्म के हितों की रक्षा कर रहे हैं। उनके इस बयानी ने कई लोगों को आहत किया है और विभिन्न संगठनों में चर्चा का विषय बन गया है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
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मौलाना तौकीर रजा के बयान पर राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ तेजी से आ रही हैं। भाजपा के कई नेताओं ने उनके बयानों की निंदा की है, यह कहते हुए कि इस तरह के शब्द देश की एकता के लिए खतरा हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि तौकीर रजा का यह बयान धार्मिक असहिष्णुता को बढ़ावा देता है।
वहीं, कुछ मुस्लिम संगठनों ने मौलाना का समर्थन करते हुए कहा कि वह समाज में भेदभाव के खिलाफ एक मजबूत आवाज हैं। उनके समर्थक मानते हैं कि मौलाना की बातें मुस्लिम समुदाय की वास्तविक चिंताओं को उजागर करती हैं।
तौकीर रजा के बयानों ने एक बार फिर से उन संवेदनशील मुद्दों को जीवित कर दिया है, जो देश में साम्प्रदायिक सद्भाव को प्रभावित करते हैं। उनके विवादित बयान ने समाज के विभिन्न हिस्सों में चर्चाओं को जन्म दिया है और यह दर्शाता है कि भारत की राजनीतिक और धार्मिक स्थिति कितनी जटिल है।
जय हिंद 🇮🇳
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