News24x7: सुप्रीम कोर्ट का सख्त संदेश – दिल्ली की हवा हुई जहरीली!


दिल्ली में प्रदूषण का संकट दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। हर साल ठंड के मौसम में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है, और इस बार भी हालात कुछ अलग नहीं हैं। दिल्ली की हवा में घुला जहर अब इतना बढ़ गया है कि लोगों के लिए बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने हाल ही में एक बड़ी बात कही है, जिसने सबका ध्यान खींचा।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया कि उन्होंने प्रदूषण की वजह से अपनी मॉर्निंग वॉक बंद कर दी है। यह कहना एक सामान्य बयान नहीं है; यह दिल्ली के प्रदूषण की गंभीरता को दर्शाता है। जब देश के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को बाहर जाने से परहेज करना पड़ रहा है, तो यह वाकई चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि प्रदूषित वातावरण में बाहर निकलने से बेहतर है कि घर के अंदर ही रहें।

दिल्ली में प्रदूषण की हालत

News24x7

दिल्ली में प्रदूषण की समस्या का एक कारण है – पड़ोसी राज्यों में पराली का जलना, जिसका धुआं दिल्ली तक पहुंचता है। इसके अलावा, वाहनों का धुआं, निर्माण कार्य, और फैक्ट्रियों से निकलने वाले हानिकारक गैसें भी हवा को और जहरीला बना देती हैं। इसके कारण शहर की हवा सांस लेने लायक नहीं रह जाती, और कई बार वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है।

हालात इतने खराब हैं कि यहां बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए बाहर निकलना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। सामान्य लोगों के लिए भी यह प्रदूषण स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है, जिससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, और फेफड़ों की अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।

CJI चंद्रचूड़ का संदेश: एक चेतावनी

News24x7

CJI चंद्रचूड़ के इस बयान को एक चेतावनी के रूप में भी देखा जा सकता है। उन्होंने यह बात सिर्फ अपने लिए नहीं कही है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक संदेश है कि प्रदूषण का प्रभाव कितना खतरनाक हो सकता है। जब एक न्यायाधीश को अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों को रोकना पड़े, तो यह बाकी लोगों के लिए भी सोचने का वक्त है। यह संदेश साफ है कि अगर प्रदूषण पर जल्दी ही काबू नहीं पाया गया, तो लोगों के लिए सामान्य जीवन जीना मुश्किल हो जाएगा।

क्या किया जा सकता है!

दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही प्रदूषण कम करने के लिए हर साल कई कदम उठाती हैं, लेकिन समस्या इतनी गंभीर है कि हल निकलने में समय लग रहा है। ऑड-ईवन स्कीम, निर्माण कार्य पर रोक, फैक्ट्रियों पर सख्त नियम आदि कुछ ऐसे कदम हैं जो सरकार ने उठाए हैं। लेकिन इस समस्या का समाधान तभी हो सकता है जब पूरे देश में सामूहिक प्रयास किए जाएं।

यह जरूरी है कि लोग खुद भी अपना योगदान दें। गाड़ियों का कम इस्तेमाल करें, कूड़ा न जलाएं, पेड़ लगाएं और पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने में अपना योगदान दें। प्रदूषण से बचने के लिए मास्क पहनना, घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना और बाहर के बजाय घर में व्यायाम करना भी कारगर साबित हो सकता है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *