नई दिल्ली: असम में लंबे समय से चल रहे घुसपैठ की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा है कि 24 मार्च 1971 के बाद असम में प्रवेश करने वाले सभी बांग्लादेशी प्रवासियों को अवैध माना जाएगा और उन्हें जल्द से जल्द देश से बाहर निकाला जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि घुसपैठियों की वजह से असम को कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां की संस्कृति, जनसंख्या संतुलन और सुरक्षा के लिए यह घुसपैठ एक बड़ा खतरा है। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि इन अवैध प्रवासियों की पहचान और पता लगाने की प्रक्रिया में तेजी लाएं और उन्हें तुरंत देश से बाहर निकाला जाए।
News24x7
असम की जनता पर असर
असम की स्थानीय जनता इस मुद्दे को लंबे समय से उठा रही है। उनका मानना है कि इन घुसपैठियों के कारण राज्य की संस्कृति, संसाधनों और रोजगार के अवसरों पर गहरा असर पड़ा है। स्थानीय लोगों के बीच असंतोष और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से असम के लोगों को उम्मीद है कि उन्हें अब इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह प्रक्रिया जल्दी और प्रभावी तरीके से पूरी हो पाएगी?
सरकार का रुख
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को गंभीरता से लिया है और कहा है कि वे पूरी कोशिश करेंगे कि इस समस्या का हल जल्द से जल्द निकले। हालांकि, इस प्रक्रिया में समय लग सकता है, क्योंकि इतने वर्षों में असम में बसे इन प्रवासियों की संख्या बड़ी हो चुकी है।
असम की सुरक्षा को खतरा
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि इन घुसपैठियों की वजह से असम की सुरक्षा पर कई तरह के खतरे मंडरा रहे हैं। अवैध घुसपैठ से राज्य में अपराध और अस्थिरता का माहौल बन गया है। यह न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे देश की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है।
जय हिंद 🇮🇳
News24x7
Leave a Reply