भारत ने विरोध में नहीं किया हस्ताक्षर
11 अक्टूबर 2024:इजरायल और संयुक्त राष्ट्र के बीच तनाव एक नए स्तर पर पहुंच गया है। हाल ही में, इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। इस फैसले के बाद दुनिया भर के 104 देशों ने इजरायल के इस कदम की आलोचना की है और संयुक्त रूप से एक पत्र के माध्यम से अपनी नाराजगी व्यक्त की है। हालांकि, भारत ने इस पत्र पर हस्ताक्षर करने से परहेज किया है, जिससे भारत का रुख इस मामले में चर्चा का विषय बन गया है।
विवाद की जड़
News24x7
ईरान द्वारा किए गए हमले के बाद, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इजरायल पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने इजरायल के सैन्य अभियानों की आलोचना करते हुए कहा कि इन कार्रवाइयों से मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है और निर्दोष नागरिक मारे जा रहे हैं। इस बयान के बाद इजरायल सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए गुटेरेस की देश में एंट्री पर बैन लगा दिया।
104 देशों का विरोध, लेकिन भारत का कदम अलग
News24x7
इस बैन के विरोध में 104 देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के समर्थन में एक पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसमें इजरायल के इस फैसले की निंदा की गई। लेकिन हैरानी की बात यह है कि भारत ने इस पत्र पर अपने हस्ताक्षर नहीं किए। यह कदम अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भारत की स्थिति को लेकर सवाल खड़े कर रहा है, खासकर ऐसे समय में जब फिलिस्तीन से जुड़े मुद्दे वैश्विक मंच पर गरमाए हुए हैं।
भारत का रुख क्यों अलग?
भारत ने हाल ही में चार अन्य प्रमुख प्रस्तावों में भी हिस्सा नहीं लिया, जो फिलिस्तीन और उसके अधिकारों से जुड़े हुए थे। भारत का यह रुख कई लोगों के लिए आश्चर्यजनक है, क्योंकि भारत लंबे समय से फिलिस्तीन का समर्थन करता रहा है। लेकिन वर्तमान में भारत अपने कूटनीतिक संबंधों को संतुलित करने की कोशिश कर रहा है, खासकर पश्चिम एशिया में इजरायल और अरब देशों के बीच।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर असर
इस घटनाक्रम ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति को नई दिशा दी है। जहां एक तरफ 104 देशों ने इजरायल की आलोचना की है, वहीं दूसरी तरफ भारत और कुछ अन्य देशों ने अपने रुख से यह संदेश दिया है कि वे पश्चिम एशिया के मुद्दों पर सीधे तौर पर शामिल होने से बच रहे हैं।
जय हिंद 🇮🇳
News24x7
Leave a Reply